महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम एवं समस्त सनातन धर्मावलंबी के सौजन्य से आयोजित श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ मे उमड़ा जनसैलाब।

ब्यूरो चीफ एस.के. सिंह की रिपोर्ट

बलिया,यूपी। मोक्षदायनी मां गंगा  के हुकुम छपरा घाट पर आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति शनिवार को विशाल भंडारे के साथ हुई। भंडारे में 25 हजार से अधिक लोग प्रसाद ग्रहण कर पुण्य का भागी बने। अंतिम दिन भी श्रद्धालु यज्ञ मंडप की परिक्रमा करते रहे।

वही आचार्य मोहित पाठक ने कहा कि निष्काम कर्म मतलब यज्ञ है। यज्ञ प्रेम का संदेश देता है। इससे गांव, मुहल्ले सहित आसपास का वातावरण शुद्ध होता है। आचार्य ने बताया कि यज्ञ में अनुष्ठान से वायुमंडल के साथ-साथ आसपास की धरती व यज्ञ स्थल पर जन्म-जन्मांतर तक के लिए शुद्ध हो जाता है। मानव प्राणी को यज्ञ व हवन कुंड में हिस्सा लेकर पुण्य का भागी बनना चाहिए। मानव जाति को यज्ञ व हवन ही अनुष्ठान व दान ही भवसागर पार करने की एक मात्र उपाय है। निहाल मिश्रा, शशांक शुक्ल, देवतानंद सिंह, उमाशंकर पांडे संजय तिवारी उर्फ पुतुल, पंडित राजकुमार उपाध्याय इत्यादि लोगों ने बढ़-चढ़कर जुटे रहे। 

दरअसल हुकुम छपरा गंगा घाट पर महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम् एवं समस्त सनातन धर्मावलंबी के सौजन्य से आयोजित लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में नित्य काशी की तर्ज पर प्रतिदिन शायं 6 बजे से होने वाली मां गंगा की महा आरती श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र विन्दु रही। गंगा महा आरती में क्षेत्र के हजारों भक्तों ने प्रतिभागिता कर मां की आराधना किया। काशी से आए विद्वान पंडितों द्वारा की जा रही मां गंगा की भव्य आरती में शामिल श्रद्धालु हर हर गंगे… का जयकारा करते रहे। गोरक्ष प्रांत गंगा समग्र के गंगा वाहिनी प्रांत प्रमुख अर्जुन कुमार, धर्मवीर उपाध्याय, शिवसागर यादव, अवनींद्र ओझा पप्पू, प्रमोद पांडेय, कौशल किशोर पांडेय, अजय चौबे आदि ने सहभागिता निभाई।

साथ ही श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सकुशल संपन्न होने पर यज्ञाधीश एवं महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम के आचार्य मोहित पाठक ने बताया कि हमें तो चौथे दिन तक ऐसा लग रहा था कि यहां पर कुछ भी होने वाला नहीं है, परंतु नारायण के ऊपर भरोसा था। इस यज्ञ में क्षेत्र के हजारों भक्तगण खासकर माताओं बहनों का विशेष कृपा रही।  यज्ञ में हर तरह से सहयोग देने वाले भक्तों के प्रति आचार्य मोहित पाठक ने अभार प्रकट करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की। कहा गंगा जगत जननी है। गंगा को स्वच्छ रखना हमारा परम कर्तव्य है। भगवत कृपा रही और आप सभी का सहयोग रहा तो यह स्थान द्वितीय काशी से जाना जाएगा। यहां पर भी गुरुकुलम् के बटुकों द्वारा प्रतिदिन आरती कराने का प्रयास किया जायेगा। वही काशी से पधारे आचार्य अरविंद महाराज के नेतृत्व में सात दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सकुशल संपन्न हुई।