अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति की सेवा से होगा अंत्योदय का सपना साकार: आशीष गौतम।

मुविवि में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रद्धा सुमन दिवस का आयोजन।

Prayagraj,up: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रद्धा सुमन दिवस के अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का अंत्योदय एवं राष्ट्र उन्नयन विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी सह- व्याख्यान का आयोजन सोमवार को मुक्त विश्वविद्यालय के तिलक सभागार में आयोजित किया गया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवम मुख्य वक्ता डॉ आशीष गौतम, अध्यक्ष , दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का सपना तभी साकार होगा जब समाज में सबसे निचले एवं अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का सम्मान होगा। उन्होंने बताया कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन विगत 27 वर्षों से कुष्ठ रोगियों की सेवा के उद्देश्य से कार्य कर रहा है। कुष्ठ रोगी समाज के अंतिम पायदान पर हैं।


डॉ गौतम ने कहा कि सभी के जीवन मे दैहिक,दैविक और भौतिक ताप होता है। हुनर युक्त लोग ही इस त्रिताप को दूर करके समाज की भलाई में अपना योगदान दे सकते हैं। डॉ गौतम ने कहा कि पंडित उपाध्याय जी मानते थे कि मनुष्य भौतिक प्राणी से परे है। उसे पेट के लिए आहार, हृदय के लिए प्यार और मस्तिष्क के लिए विचार चाहिए। क्योंकि मनुष्य अपने होने की स्वीकृति चाहता है। उनका मानना था कि शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा की पूर्णता सम्मान, प्रेम, विचार और परमात्मा से होगी।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद को अपने जीवन में उतारें। पंडित उपाध्याय ने हमेशा कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की भी बात कही। वर्तमान सरकार उसी का अनुसरण कर रही है और स्वावलंबन के लिए कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल अत्यंत सादगी पसंद थे।उनके आदर्शो पर हम चलें, यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


इसके पूर्व सहायक आचार्य निकेत सिंह ने स्वागत गीत तथा कार्यक्रम के संयोजक डॉ संजय कुमार सिंह, निदेशक पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ ने विषय प्रवर्तन एवम वाचिक स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिनेश कुमार सिंह, आयोजन सचिव एवम उप निदेशक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कर्नल विनय कुमार, कुलसचिव ने किया।


कार्यक्रम का शुभारम्भ कुलगीत तथा मां सरस्वती एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। समापन राष्ट्रगान से किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोध छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।