डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में चल रहे धोखाधड़ी के प्लान से सावधान बाजार में चल रही हैं ऐसी कई फर्जी स्कीमें

भोपाल ।रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
डायरेक्ट सेलिंग एक बेहद साफ़-सुथरा व्यवसाय है,  लेकिन इस व्यवसाय में धोखेबाज कंपनियों एवं धोखेबाज लोगों की मौजूदगी बड़ी चिंता का विषय है। ऐसी धोखेबाज कंपनियां और धोखेबाज लोग (लीडर्स) इस व्यवसाय में आने वाले लोगों को रातों-रात अमीर बनाने के सपने  दिखाते हैं और किसी न किसी प्रकार से सिर्फ पैसे लेकर कई गुना मुनाफे सहित एक निश्चित समय सीमा में वापस करने का वायदा करके लोगों को अपने झांसे में ले आते हैं। इस प्रकार की कंपनियां कभी सोना, कभी क्लिक, कभी सर्वे, कभी विज्ञापन, कभी क्रिप्टोकरंसी, कभी तेल कंपनी आदि के नाम पर मूर्ख बनाती हैं। कई कंपनी चल रही हैं जो दिखावे भर के लिए प्रॉडक्ट का मुखौटा लगाए हुए हैं और अपने बिज़नेस प्लान में रातों रात अमीर बनने का दावा पेश कर रही हैं ।जिसमें रूपये लगाने पर 12 या 18 महीने तक लगातार आप को आमदनी मिलती रहेगी या आप दो अन्य लोगों को प्रॉडक्ट खरीदवायें तो अगले 12 महीने या 18 महीने तक एक निर्धारित रकम आप को मिलती रहेगी। आपको बेवकूफ बनाने के लिए सैलरी प्लान, सिंगल लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान जैसी अलग-अलग स्कीमें भी कंपनी बता रही है। ये कंपनी कहती हैं “दोस्तो आ गया है 21 वी सदी का सबसे बैस्ट प्लान जो नैटवर्क मार्कटिगं का इतिहास बदल रहा हैं दोस्तो हम आपको विश्वास दिलाना चाहते हैं कि आपने ऐसा प्लान न तो कभी देखा होगा और न ही कभी सुना होगा  तो फिर देर किस बात की है शुरू हो जाओ इतिहास रचने के लिये तो जल्दी कीजिये अपने अपने शहर मे टॉप ID की पोजिशन लेने के लिये। दोस्तो हो सकता है कि आपको ये जॉइनिंग अमाउंट ज्यादा लगे एक बार प्लान को ध्यान से देखना नही समझ आए तो एक बार पूरी जानकारी लेना क्योंकि आपका कैरियर सैट करने में इससे बढ़िया मौका नहीं हो सकता”।लेकिन आप सावधान रहें क्योंकि ऐसे दावे कर रही ये योजनाएं फर्जी लाइनों पर हैं। ऐसी योजनाएं भारत सरकार के डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन्स के अनुसार नहीं हैं, लेकिन इन्हें मनी सर्कुलेशन (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत अपराध माना जाता है। वास्तव में आमदनी को प्रॉडक्ट की बिक्री से प्राप्त किया जाना चाहिए, जोकि कानूनी रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने और टीम के कुल कारोबार के माध्यम से वैध है। किसी अन्य प्रकार की आय जो डायरेक्ट सेलिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है, कानूनी मान्यता में नहीं है।जन साधारण को हमेशा सचेत रहना चाहिए कि कोई भी कंपनी अगर किसी भी प्रकार के सैलरी-प्लान,  सिंगल-लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान या इन जैसी कोई भी आमदनी (इनकम) का वायदा कर रही है तो वह गलत है। ऐसी आय को बढ़ावा देने वाली कंपनियां, उनके मालिकों और उनके प्रमोटरों और उनके लीडरों को परिणाम भुगतने होंगे। ऐसी कंपनियों से दूर रहें यहाँ आपकी कड़ी मेहनत का पैसा डूबने का पूरा खतरा है। यह वही रास्ता है जिस पर एक कंपनी ने 6 लाख से अधिक लोगों को मूर्ख बनाकर 3600 करोड़ रुपये उगाहे और पैसा बनाया। यह कंपनी अब कानूनी शिकंजे में है। लेकिन आम जनता को अपने पैसे वापस मिलने की संभावना नहीं है। ऐसी कंपनियां समय-समय पर बाजार में दिखाई देती रहती हैं। वास्तव में ये कंपनियां नाम बदल कर आती रहती हैं, लेकिन घोटाले करने वालों के चेहरे वही रहते हैं।