‘ज्ञान कुंभ’ में पुस्तक प्रेमियों ने लगाये गोते।

धर्म-कर्म के साथ-साथ संविधान व न्यायपालिका की पुस्तक बनी पाठकों की पहली पसंद


प्रयागराज,यूपी। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। सारी पत्र-पत्रिकाएं और समाचार माध्यमों तक सिर्फ राम ही छाये हुये हैं। इसका असर एंग्लो बंगाली इंटर कालेज परिसर में लगा प्रयागराज पुस्तक मेले पर भी दिखाई पड़ रहा है। धार्मिक पुस्तकों से सम्बन्धित प्रकाशक गीता प्रेस की ओर से भी एक स्टाल मेले में लगाया गया है। जहां पर धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन सर्वविदित है कि गीता प्रेस की पुस्तकों पर कोई डिस्काउंट नहीं मिलता। क्योंकि इनके प्रकाशन की पुस्तकों का मूल्य बहुत ही कम होता है। स्टाल प्रतिनिधि ने बताया कि अधिकांश लोग राम चरित मानस ही नहीं बल्कि भगवान राम सहित अन्य देवी-देवताओं और प्रयाग, काशी, अयोध्या, मथुरा आदि प्रमुख तीर्थस्थलों के महत्व के वर्णन करने वाली पुस्तकें खोज रहे हैं। भगवान राम की वंशावली और काशी का इतिहास खोजते हुये पाठक स्टाल पर आ रहे हैं। यहां पर हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी, तमिल और कन्नड में भी गीता उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त सुन्दर काण्ड, शिव पुराण, पौराणि कथाएं के साथ-साथ आदर्श बाल कहानियॉ, बालको को सीख की पुस्तकें भी उपलब्ध हैं।


पुस्तक मेले में गीता प्रेस के समीप ही लगा अहमदिया मुस्लिम कम्युनिटी का स्टाल भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। स्टाल प्रतिनिधि शाह हारून सैफी ने बताया कि हमारी पुस्तकें नो प्रॉफिट नो लॉस पर बेची जा रही हैं, ताकि लोग हमारे समाज से जुड़ी पुस्तकें पढ़कर कुछ जान सकें। उन्होंने बताया कि पवित्र कुरान, पैगंबर साहब से जुड़ी तमाम कहानियॉ, हिजाब तथा तीन तलाक आदि के बारे में धार्मिक व्यवस्था को स्पष्ट करने वाली पुस्तकों की ज्यादा मांग हो रही है। कुरान के पन्नों को पलट रहे अजमल ने कहाकि हमारे धर्म से जुड़ी तमाम कलेक्शन यहां पर मिल जाता है, जो एक साथ कहीं नहीं मिल पाता है। इसलिये जहां भी शहर में पुस्तक मेला लगता वह जरूर जाते हैं।


ज्ञान थीम पर आधरित पुस्तक मेले में एक ओर धर्म-कर्म से जुड़ी पुस्तकों की स्टाल पर भीड़ दिख रही, तो दूसरी ओर ‘न्याय की नगरी’ में संविधान सहित कानून की पुस्तकों को खरीदने वाले कम नहीं हैं। सम्यक प्रकाशन नई दिल्ली के स्टाल पर न्याय पालिका, व्यवस्थापिका और कार्यपालिका से जुड़ी तमाम किताबे हैं। और बड़े चाव से लोग उन्हें खरीद भी रहे हैं। यहां पर भारत का संविधान और भगवान बुद्व की पुस्तकों की अधिक डिमाण्ड है। इसके साथ ही भारत पाकिस्तान का विभाजन, भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर से जुड़ी कई पुस्तकों की भी हाथों-हाथ बिक्री हो रही है।
पुस्तक मेले के आयोजक मनोज सिंह चन्देल बताया कि आज रविवार होने के कारण पिछले दो दिन की तुलना में पुस्तक मेले में पहुॅचने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी। यही कारण है कि लगभग सभी स्टालों पर शाम होते-होते भीड़ दिखाई पड़ रही थी। लोगों के अपने वाहन सड़क पर खड़े करने पड़े, क्योंकि पार्किंग फुल हो गयी थी।


पुस्तक मेले के सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि फोर्सवन बुक्स, अग्रवाल सर्व शिक्षा शिक्षा ट्रस्ट और प्रयागराज के सहयोग से पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। पुस्तक प्रेमियों के लिए सुबह 11 बजे से लेकर रात्रि 9 बजे चल रहा है। जो कि 31 दिसम्बर खुला रहेगा।