त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
काला कानून वापसी तक जारी रहेगी हड़ताल- डॉ कमल उसरी
प्रयागराज,यूपी। झूंसी स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड से सम्बंधित सैकड़ों टैंकर और ट्रक ड्राइवर इलाहाबाद ड्राइवर एंड वर्कर्स यूनियन (पंजीकृत श्रम मंत्रालय) के नेतृत्व में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से जारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में हड़ताल पर रहे।
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव व इलाहबाद मोटर एंड ड्राइवर वर्कर्स यूनियन सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है। संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा। ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सरकार की तरफ से नया नियम को लागू किया गया है। 2024 से लागू हुआ होगा यह नियम। 1 अक्टूबर 2024 से सभी वाहनों के लिए सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य हो जाएगा। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की तरफ से 1 अक्टूबर 2024 से सभी वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा।
दरअसल में भारत की संसद में पूंजीपतियों और मालिकों का कब्ज़ा हो चुका है इसलिए लगातार संसद में नौजवान, मजदूर और गरीब विरोधी कानून बनाएं जा रहे हैं। केंद्र सरकार ड्राइवर के न्यूनतम वेतन, पीएफ़, ईएसआई को सुनिश्चित करने के बजाय ड्राइवर को जेल और जुर्माना देने का नियम बना रही है, आज जनता को गैस, सब्जी, खाद्य सामग्री की जो दिक्कत आ रही है उसके लिए स्प्ष्ट रूप से सिर्फ़ और सिर्फ मोदी सरकार की हितलरशाही जिम्मेदार है,
डॉ कमल उसरी ने कहा कि चूंकि यह हड़ताल राष्ट्रीय आह्वान पर आयोजित है इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर लिए गए निर्णय के अनुसार ही आगे जारी रखी या स्थगित की जायेगी।
इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने हड़ताली ड्राइवरों का बिना शर्त पूर्ण समर्थन करते हुये कहा कि मोदी केवल अपने मन की बात देश की जनता को सुनाते है लेकिन देश के जनता के मन की बात सुनते ही नहीं है। मौजूदा तानाशाही सरकार विपक्ष विहीन संसद मे काला कानून पास कराकर देश पर अपना हिटलरशाही फैसला थोपना चाहती है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा और इस हड़ताल को आम हड़ताल बनाया जायेगा।
हड़ताल में मुख्य रूप से डॉ कमल उसरी, रामचंद्र, कुलदीप, महेंद्र सिंह यादव, सर्वेश सिंह, रामजी, सतेंद्र कुमार, नरसिंह गौरी लाल, सुनील कुमार, चंद्र कुमार, अरविंद कुमार, लाल बहादुर, चुन्नीलाल, शाहरुख, मो इशरार, सर्वजीत, अलगू, अली अहमद,बीरबल, उमेश, मुकेश इत्यादि लोग शामिल रहे।