प्रवर्तन निदेशालय ने अस्थाई रूप से जब्त की नवभारत प्रेस की दस करोड़ रुपये की संपत्ति।

भोपाल से देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट


भोपाल, एमपी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भोपाल ने मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर में स्थित 10 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 30 मार्च 2024को 2.36 करोड़ पाई गई।

ईडी ने मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई, एसपीई, बीएस और एफसी, नई दिल्ली द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर जांच शुरू की। ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक सुमीत माहेश्वरी और अन्य के माध्यम से वर्ष के दौरान प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी की खरीद के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र, गौतम नगर शाखा, भोपाल में विभिन्न ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था। हालाँकि, मशीनरी की खरीद और अन्य पूंजीगत व्यय को पूरा करने के लिए जो ऋण राशि स्वीकृत की गई थी, उसे विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों के माध्यम से भेज दिया गया था, जो मंदीप माहेश्वरी (सुमीत के भाई) द्वारा नियंत्रित एंबी समूह की कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर थे । जांच के दौरान यह पाया गया कि माहेश्वरी परिवार मैसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के मालिक ने विभिन्न कॉर्परिट और व्यक्तिगत देनदारियों को निपटाने के उद्देश्य से ऋण राशि का दुरुपयोग किया और इस प्रकार, वितरित ऋण का गलत उपयोग किया, जिससे धोखाधड़ी हुई। बैंक ऑफ महाराष्ट्र, गौतम नगर, भोपाल को रु. 15.67 करोड़ का ऋण खाता एनपीए हो गया।

जांच के दौरान, मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर जिले में मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड और माहेश्वरी परिवार के परिवार के सदस्यों के नाम पर कुल दस संपत्तियों की पहचान की गई । मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर में स्थित इन 10 अचल संपत्तियों की कुर्क करते हुए दिनांक 30 मार्च 2024 के आदेश के तहत पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत एक अंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था। आगे की जांच जारी है।