किसानों के लिए नहरो का पानी पहुचाने में आएगी मुश्किल।

सिल्ट सफाई से जुड़े ठेकेदारो का पेमेंट लटका, सरकार से धन आने में हुई देरी अब विभाग की उदासीनता से परेशान है ठेकेदार।

कुशीनगर,यूपी। किसानों के लिए जिले के नहरो की जाल बिछाई गई हैं। जिसमे पहाड़ो के पानी संग आयी मिट्टी(बालू) को हर साल सरकार सफाई कराती है। जिससे किसानों के खेतों में नहरो के हेड से टेल तक पानी जा सके। लेकिन इस बार सिल्ट सफाई से जुड़े ठेकेदारों की अपनी एक अलग ही समस्या से जूझ रहे है। वित्तीय वर्ष 2022-23 का भुकतान अबतक इन ठेकेदारों को नही मिल पाया हैं। मार्च माह में ही अपने कार्यो को पूरा करने के बाद भी अब तक अपने पेमेंट को पाने के लिए ठेकेदार सिचाई विभाग के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे है। पहले धन की कमी से यह समस्या पूरे प्रदेश में थी। जिसके बाद सिल्ट सफाई ठेकेदार संघ ने पहल करते हुए सभी सिचाई विभाग के कार्यालयों पर बैनर लगा कर ठेका न चलाने की चेतावनी दी। ठेकेदारों के संघ की माँग पर सरकार ने जिला सिचाई विभाग को धन भेज दिया। लेकिन कुशीनगर जिले में तैनात सिचाई विभाग के जिम्मेदारो की लापरवाही के कारण पेमेंट काफी धीमा हैं। ठेकेदार संघ की माने तो जहाँ देवरिया में सरकार से आये धन के बाद 70 फीसदी तक ठेकेदारो का भुकतान हो गया वही कुशीनगर में लगभग 35 फीसदी ही भुकतान हुआ है।

कुशीनगर जिले में स्थित एक सिचाई विभाग कार्यालय में पहुँची किन्नर समुदाय से जुड़ी ठेकेदार एकता महेश्वरी ने ठेकेदारों की समस्या को बताया। ठेकेदार एकता बताती हैं कि वह “सरकार के साथ सिल्ट सफाई में ड्रोन सर्वे का कार्य करती हैं। प्रदेश भर में उनके द्वारा बड़े पैमाने पर ठेका लेकर नहरो में चल रहे सिल्ट सफाई पर ड्रोन से निगरानी कराया जाता जिसमे अपनी टीम लगाती हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में हम लोगो ने जो काम कराया उसका बिल व रिपोर्ट मार्च तक सभी ने दे दिया। लेकिन मार्च से नवम्बर आ गया लेकिन पैसा नही आया। अगले वर्ष हम सरकार के साथ काम कर सके इसके लिए हमारे भुकतान को प्रार्थमिकता मिलनी चाहिये। जहाँ तक मेरी समझ है उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाग को पैसे नही भेजी तबतक नगरीय निकाय चुनाव आ गया। अब शायद कोई आदेश आया है जिससे उम्मीद जगी है। हम सभी ठेकेदार पहले ही समस्याओं से घिरे है क्योंकि जो काम हमने शुरू किया उसे अक्टूबर से मार्च तक देना होता है। जो खर्च जिसमे लेबर और कास्टिंग लगता है हमारी भुकतान से ही आती है। लेकिन इस बार पेमेंट नही हुआ। लेबर काम किया है तो उसे पमेंट चाहिये इसलिये हम लोग कर्ज लेकर उनका भुकतान किया। लेकिन हमारे पैसे नही मिलने से अब समस्या बढ़ गयी क्योकि जो लाभ होने थे वे कर्ज चुकाने में चले जायेंगे।

इस सम्बंध में जब कुशीनगर जिले के सिचाई विभाग के एक्सईएन वी.राम से बात की गई तो उन्होंने ठेकेदारों के आरोपो को खारिज किया। वही कुशीनगर जिले में देवरिया की भुकतान स्थिति ज्यादा बेहतर बताई।