पीएम को करना चाहते हैं गिफ्ट
Banda,up: देश ही नही पूरे विश्व मे इन दिनों राम मंदिर के उदघाटन को लेकर उत्साह का माहौल है, देश के तमाम इलाको से कपड़े, चावल या अन्य सामान अयोध्या धाम भेजे जा रहे हैं। उसी क्रम में यूपी के जनपद बाँदा में शजर हस्त शिल्पी द्वारिका प्रसाद सोनी ने शजर पत्थर से राम मंदिर का ऐसा अनोखा निर्माण किया है, जिसे देखकर हर कोई अचंभित है, मंदिर के अंदर राम लला भी विराजमान है, उन्होंने हूबहू राम मंदिर के मंदिर बनाने की कोशिश की है, उन्होंने इस अनोखे मंदिर को 18 माह में बनाकर तैयार किया है। हस्त शिल्पी कारीगर की तमन्ना है कि वह शजर पत्थर से बने मंदिर को पीएम मोदी को गिफ्ट करें। बाँदा के यह हस्तशिल्प राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री से हो चुके हैं सम्मानित। यहां का शजर पत्थर रानी विक्टोरिया के गले का हार भी बन चुका है।
शजर पत्थर बाँदा का ODOP प्रोडक्ट है
यह सिर्फ उत्तर प्रदेश के जनपद बाँदा के केन नदी में पाया जाता है, इसकी सुंदरता के बारे में कहते हैं कि पूर्णिमा की चांदनी रात में चंद्रमा की किरणों से पानी मे पड़े पत्थर के ऊपर कोई भी चीज जैसे पेड़ पौधे, लोग, जीव जंतु आदि की आकृति अपने आप ढल जाती है, इसके बाद कारीगर उसको मशीनों के माध्यम से सुंदरता और निखार देते हैं। शजर की डिमांड मुस्लिम देशों में ज्यादा है, इसको वह बहुत शुभ मानते हैं। कुछ माह पहले यूपी सरकार ने शजर को GI टैग भी दिया है। राम मंदिर बनाने के बाद खुली प्रदर्शनी के माध्यम से इसे जनता के बीच मे रखा गया जहां राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने भी जाकर इस अद्भुत कृति को देखा वा सराहा। शजर पत्थर से बना यह राम मंदिर जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शजर पत्थर हस्तशिल्पी वा कारीगर द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि मैं हस्तशिल्पी हूं, शजर पत्थर से मैंने बहुत से कला-कृतियां बनाई हैं जिसमे ताजमहल, कालिंजर दुर्ग, टेबिल लैम्प आदि शामिल है जिसमे मुझे राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है, इसी क्रम में मैंने राम मंदिर का निर्माण किया जिसको मैंने 18 महीने में बनाया है, शजर पत्थर से राम मंदिर बनाने के बाद उसको मैने खुली प्रदर्शनी में जनता के बीच रखा था और इस राम मंदिर को मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को भेंट करना चाहता हूं। मुख्यमंत्री योगी की महत्वकांक्षी योजना “एक जनपद एक उत्पाद” में बाँदा का शजर पत्थर शामिल है उसी से मैंने ये राम मंदिर बनाया है। बताया कि कई चीजें बनाने के बाद काफी समय से मेरी सोच थी कि मैं राम मंदिर बनाऊँ क्योंकि राम मंदिर की डिजाइन बहुत पुरानी थी और वर्तमान में भी जो राम मंदिर बन रहा है वो भी पुराने मॉडल में बन रहा है जो कि विश्व हिंदू परिषद ने सन 1990 में खींचा था और एक कलेंडर निकाला था जिसमे पीछे रामचंद्र जी की खड़ी मूर्ति थी और आगे मंदिर बना था, तब से मेरे मन मे इसे बनाने का विचार था, अब मैं इसे प्रधानमंत्री जी को गिफ्ट करना चाहता हूं जिससे हमारे बाँदा जिले व उत्तर प्रदेश का नाम रोशन हो।
राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने खुली प्रदर्शनी में शजर पत्थर से बने राम मंदिर के दर्शन के बाद कहा कि बाँदा के हाष्टशिल्प द्वारिया प्रसाद सोनी ने जो शजर पत्थर से राम मंदिर का निर्माण किया है उसमें राम लला की मूर्ति भी स्थापित है, ये मंदिर अयोध्या के राम मंदिर का जो निर्माण चल रहा है उसके प्रारूप में इसके बनाया है, जिस लिये ये मंदिर दर्शनीय है, ऐसा प्रारूप में मंदिर को बनाना बहुत कम देखने को मिलता है।