उच्च शिक्षण संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें “अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण 2023-24” के संदर्भ में एक दिवसीय कार्यशाल सम्पन्न

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि विद्यार्थियों को रोजगारपरक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारी प्राथमिकता है इसके लिए उद्योग जगत की आवश्यकता अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण की आवश्यकता है, ताकि विद्यार्थियों को रोजगार के व्यापक अवसर प्राप्त हो सकें। विद्यार्थियों को नौकरी के अलावा स्वरोजगार प्राप्त करने की योग्यता भी मिल सके, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मंत्री परमार गुरुवार को भोपाल स्थित मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सभागार में “अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण 2023-24” के संदर्भ में एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शैक्षणिक एवं अकादमिक परिवेश को उत्कृष्ट बनाने में निजी विश्वविद्यालयों की सहभागिता आवश्यक एवं महत्वपूर्ण हैं। अखिल भारतीय उच्च शिक्षा वार्षिक सर्वेक्षण में ‘सकल नामांकन अनुपात’ में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए सभी विश्वविद्यालयों की सहभागिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। मंत्री परमार ने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थियों द्वारा उच्च शिक्षा में प्रवेश न लेने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई। कहा कि उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। जनजातीय और छात्राओं के नामांकन अनुपात में कमी के समाधान के लिए नियोजित ढंग से कार्य किया जाना चाहिए। मंत्री परमार ने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को भारतीय परंपरागत शिक्षा और समाज आधारित शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि विश्वविद्यालयों की भागीदारी समाज आधारित शिक्षा में हो, ताकि विद्यार्थियों का समग्र विकास हो सके। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में भारतीय ज्ञान परम्परा समावेशी शिक्षा के लिए सभी विश्वविद्यालयों में “भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ” की स्थापना करने को कहा।सभी उच्च शिक्षण संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें और अकादमिक कैलेंडर का दृढ़ता से पालन करने के साथ विद्यार्थियों के प्रवेश, परीक्षा और परिणाम नियत समयावधि में सुनिश्चित करें।