मरहूम ज़ायर हुसैन की मजलिस ए तरहीम व मजलिस ए चेहलुम आयोजित।
त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज,यूपी। प्रख्यात ज़ाकिर मर्सीयाख्वान नौहाख्वान व इल्मों अदब के मानिंद हस्ताक्षर स्व ज़ायर हुसैन की मजलिस ए तरहीम मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में तो मजलिस ए चेहलुम करैली मुस्तफा हाल में आयोजित कि गई।
शफक़त अब्बास पाशा की निज़ामत (संचालन) में मजलिस ए तरहीम की शुरुआत रियाज़ मिर्ज़ा व शुजा मिर्ज़ा की सोज़ख्वानी से हुई। शायर अनवर कमाल ने शोक पंक्ति के साथ पेशख्वानी में पढ़ा! अली के लाल का चर्चा कहां नहीं होता। जहां वफ़ा नहीं होती वहां नहीं होता! ज़मीं पर मारिये अब्बास कह के ऐक ठोकर। वहां भी निकलेगा पानी जहां नहीं होता। यू के से आए ज़फ़र अब्बास इरफान ने पढ़ा! लहु वह चेहरे पे खुद शह ने मल लिया अपने! समां सका न जो अरज़ो समा के दामन में वहीं ज़ाकिर ए अहलेबैत रज़ा अब्बास जैदी ने मजलिस को खिताब करते हुए ज़ायर हुसैन को मजलिस का मेहराबो मिम्बर बताया।कहा शहर की हर छोटी बड़ी मजलिसों के वह जहां एक बेहतरीन ज़ाकिर थे वहीं सोज़ो सलाम मर्सिया व नौहा पढ़ने में भी पारंगत थे।
मजलिस ए चेहलुम में मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर ने हदीसों के हवाले से मरहूम के नाम ज़ायर हुसैन पर तफसीली तक़रीर कि।अनीस जायसी के संचालन में हुई मजलिस ए चेहलुम में रज़ा इस्माइल सफवी ने सोज़ख्वानी तो मौलाना आमिरुर रिज़वी , डॉ क़मर आब्दी व अनवार अब्बास ने पेशख्वानी कि। अन्जुमन अब्बासिया के नौहाख्वानो ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। औरतों की मजलिस को डॉ नाहीद रिज़वी साहिबा ने खिताब किया। हादी हैदर , काज़िम अब्बास , अहमद जावेद कज्जन , ज़रगाम हैदर, अब्बास हैदर , सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,बाक़र मेंहदी आदि शामिल रहे।