भोपाल से देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट
भोपाल, एमपी। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर सर्वसम्मति से 16वीं विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। बुधवार को उन्हें सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। माननीय विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने पद ग्रहण करने के बाद सदन को दिए अपने पहले संबोधन में कहा कि उनकी ईमानदार कोशिश रहेगी कि वे सदन के सभी सदस्यों की अपेक्षाओं एवं गाैरवमयी इतिहास के अनुरूप दायित्वों का निर्वाहन करेंगे। उन्होंने सर्वसम्मति से अपने निर्वाचन पर पक्ष एवं विपक्ष के सभी सदस्यों का हृदय से आभार प्रकट किया। अध्यक्ष पद के लिए तोमर के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भूपेंद्र सिंह ने रखा। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह, डॉ राजेंद्र कुमार सिंह और जयवर्धन सिंह की ओर से भी तोमर के नाम का प्रस्ताव रखा गया। इसका समर्थन क्रमश: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रहलाद पटेल, राजेंद्र शुक्ल, रामनिवास रावत, हेमंत कटारे और तुलसी सिलावट ने किया।

अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने आसंदी से अपने पहले उद्बोधन में कहा कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति पहले मैदान में काम करता है फिर किसी संस्था या संगठन से जुड़ता है, और जब वह संगठन उसे अवसर प्रदान करता है तो वह जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह करता है। उन्होंने कहा कि चाहे हम संगठन में कार्य करें या जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करें हम सभी का उद्देश्य एक ही होता है, जनसमस्याओं का निराकरण , राज्य का सर्वांगीण और संतुलित विकास। अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र की यह खूबसूरती है कि यहां पक्ष और विपक्ष दोनों हैं। हम यह भी जानते है कि संसदीय परंपरा में पक्ष के बिना विपक्ष अधूरा है और विपक्ष के बिना पक्ष अधूरा है। पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के दो स्तंभ हैं। दोनों को कदम से कदम मिला कर चलना लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है। इस आसंदी पर रहते हुए प्रयास यह रहेगा कि मेरी निगाह और नजर हर सदस्य पर रहे और हर सदस्य को उसका अधिकार प्राप्त हो। तोमर ने कहा कि यह हमारा यह सदन गौरवशाली सदन है। पं. कुंजीलाल दुबे से लेकर गिरीश गाैतम जी तक एक लंबी यात्रा है और इस लंबी यात्रा में मुझ से पूर्व अध्यक्षों ने अनेक प्रकार के मानदंड स्थापित किए है, परंपराएं स्थापित की है। उन्होंने अपने−अपने कार्यकाल में अपने−अपने तरीके से इस सदन का गौरव बढ़े इसके लिए प्रयास किए हैं। मेरी इमानदार कोशिश होगी की मैं आप सभी की अपेक्षाओं के अनुरूप एवं सदन के गौरवमयी इतिहास के अनुरूप अपने दायित्व का निर्वहन करूंगा।
निर्वाचन के उपरांत अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नरेंद्र सिंह तोमर का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिये सर्वमान्य रहा। उनके व्यक्तित्व का ही प्रभाव है कि उनके नाम को सभी दलों ने स्वीकारा और उन्हें समर्थन दिया। उनका सुदीर्घ प्रशासनिक अनुभव, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण और सबको साथ लेने की क्षमता उन्हें सर्वमान्य बनाती है। तोमर के पुरुषार्थ, परिश्रम, विनम्रता और सहज सरल स्वभाव से सदन गौरवान्वित है। निश्चित ही उनके अध्यक्षीय दायित्व निर्वहन से सदन की गरिमा में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि देश की आजादी के अमृत काल में लोकतंत्र के इस मंदिर में अध्यक्ष तोमर के ज्ञान, कौशल एवं अनुभव का लाभ प्राप्त होगा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने इस अवसर पर कहा कि नरेंद्र सिंह तोमर एक व्यक्ति नहीं एक संस्था हैं। सुदीर्घ राजनीतिक अनुभव की पूंजी उनके पास है।