ज़िला स्वास्थ्य समिति की नयी अनूठी पहल ज़िला हस्तक्षेप केंद्र में मनाया गया 75 वां गणतंत्र दिवस।

भोपाल से देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट


भोपाल, एमपी। स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों ने ज़िला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में गणतंत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर हितग्राहियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ साथ अपने अनुभव साझा किए गए। क्षेत्रीय विधायक के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में पार्षद मृदला सचान एवं विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। विधायक द्वारा जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र का अवलोकन किया गया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने केंद्र में दी जा रही सेवाओं जानकारी दी गई।


कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बाल श्रवण योजना एवं बाल ह्रदय योजना,शिशु गहन चिकित्सा इकाई, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत निरामयम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के हितग्राही सम्मिलित हुए। इस अवसर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। विधायक द्वारा श्रवण बाधित हितग्राही को हियरिंग एड प्रदान किया। कार्यक्रम में जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र से लाभान्वित बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई।

कार्यक्रम में कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी से लाभान्वित वार्ड क्रमांक 85 निवासी बालिका ने कविता पाठ किया। राष्ट्रीय बाल श्रवण कार्यक्रम के तहत 8 वर्ष पूर्व इस बच्ची का कॉकलियर इंप्लांट करवाया गया था, जिसका साढ़े छह लाख रुपए का व्यय शासन द्वारा वहन किया गया था । कार्यक्रम में आई छोला निवासी बालिका की कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी 2015 में हुई थी। बच्ची के ऑपरेशन की निशुल्क सुविधा शासन द्वारा दी गई थी। कार्यक्रम में परिजनों ने शासन द्वारा निशुल्क की गई सर्जरी के प्रति आभार जताते हुए बताया कि ,अगर यह सुविधा निशुल्क मिलने के कारण ही वे इतना मंहगा इलाज करवा सके हैं। इस योजना के कारण ही आज हमारी बेटियां बोलने सुनने में सक्षम हो सकी है। कार्यक्रम में शिशु गहन चिकित्सा इकाई जिला चिकित्सालय में 3 वर्ष पूर्व उपचारित हुए जुड़वा बच्चों के परिजनों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण यह बच्चे मात्र 1 किलो के वजन के साथ पैदा हुए थे। जिन्हें 40 दिनों तक एस एन सी यू एवं पी आई सी यू में भर्ती रखा गया था। उन्होंने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए हमारे रिश्तेदारों ने प्राइवेट में भर्ती होने के लिए दबाव बनाया था। निजी अस्पताल ने पूरे उपचार पर 40 लाख रुपए का खर्चा बताया गया था। जबकि जिला चिकित्सालय में सभी सुविधाएं निशुल्क दी गई। दोनों बच्चे आज पूरी तरह से स्वस्थ है। कार्यक्रम में कुष्ठ कुष्ठ रोग की निशुल्क सर्जरी , क्षय रोग के निशुल्क उपचार, क्लब फुट की निशुल्क सर्जरी एवं आयुष्मान भारत निरामयम योजना के हितग्राहियों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम में बौद्धिक अक्षमता, ऑटिज्म, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, डाउन सिंड्रोम के बच्चों द्वारा नृत्य, गायन एवं कविता की प्रस्तुति दी गई एवं अपने हाथों से बनाई ड्राइंग अतिथियों को भेंट की गई। ये सभी बच्चों डी ई आई सी में नियमित रूप से उपचार के लिए आते हैं। थेरेपी से उनकी दैनिक गतिविधियों, सामाजिक गतिविधियों एवं शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है। विधायक ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर हितग्राहियों से संवाद एवं उनके अनुभव साझा करने के इस अभिनव कार्यक्रम के संबंध में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग-अलग बीमारियों के इलाज एवं सेवाओं से लाभान्वित हितग्राही स्वयं इस बात का प्रमाण हैं कि शासन की जनकल्याणकारी सेवाएं समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। उन्होंने निजी क्षेत्र एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सक्षम वर्ग को वंचित वर्ग की सेवा के लिए आगे आना चाहिए।

डी ई आई सी में उपलब्ध शिशु रोग जांच, दंत चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच एंड हियरिंग थेरेपी, स्पेशल एजुकेशन सेवाओं की तारीफ करते हुए उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे भी अपने आसपास ऐसे बच्चों के होने पर उन्हें इस केंद्र के माध्यम से लाभान्वित करवाएं। मुख्य अतिथि ने कहा कि विभाग का छोटे से छोटा कर्मचारी भी विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।