माघी पूर्णिमा के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालु सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

Prayagraj,up: संगम की रेती पर लगे माघ मेले में माघी पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालु सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। माघ मेला डीआईजी डॉ राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक सुबह 7 बजे तक ही 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं गंगा और यमुना के विभिन्न घाटों पर स्नान कर चुके हैं। जबकि दिन निकलने के साथ श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मेला प्रशासन को उम्मीद है कि माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे।

आज के दिन ही एक माह तक संगम की रेती पर बने तंबुओं में कठिन तप और जप करने वाले कल्प वासियों के कल्पवास का संकल्प भी पूरा होता है। कल्पवासी दान पुण्य कर अध्यात्मिक ऊर्जा बटोर कर अपने घरों को लौटते हैं। अगले साल फिर से आने का संकल्प लेते हैं। यहां से जाते समय श्रद्धालु प्रसाद के रूप में गंगाजल और संगम की रेत यानि रेणुका को लेकर अपने घर जाते हैं और 11 माह तक उसे घर में रख कर पूजा अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे उनके ऊपर कोई कष्ट नहीं आता और मां गंगा का आशीर्वाद उन पर बना रहता है।

डीआईजी माघ मेला डॉ राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक माघी पूर्णिमा से तमाम कल्पवासी अपने घरों को लौटते हैं। इसलिए पुलिस ने ट्रैफिक प्लान तैयार किया है और श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। तमाम श्रद्धालु अपने वाहनों को लेकर मेला क्षेत्र में पहुंचे हैं और स्नान के बाद अपने सामान के साथ घरों को लौट रहे हैं। श्रद्धालुओं की सकुशल और सुगम वापसी हो इसके लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई है। उनके मुताबिक 2024 का माघ मेला 2025 के महाकुंभ का रिहर्सल के तौर पर पेश किया गया है। इसलिए इस बार कई नए प्रयोग भी पुलिस की ओर से किए गए हैं। विभिन्न स्नान घाटों पर जाल, डीप वाटर बैरीकेटिंग, जल पुलिस,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही बड़ी संख्या में एटीएस व एसटीएफ के जवान भी तैनात किए गए थे। पीएसी और पैरामिलिट्री भी तैनात की गई थी। इसके साथ ही जल में भी पुलिस चौकी बनाई गई है। उनके मुताबिक महाकुंभ में भी इन प्रयोगों को अपनाया जाएगा ताकि दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जा सके।