शिशु एवं मातृ मृत्यु दर पर प्रभावी नज़र रखने “लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग” तथा “चिकित्सा शिक्षा विभाग” का होगा विलय।

भोपाल से देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट


भोपाल, एमपी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय की स्वीकृति दी गई।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग का विलय कर “लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग” के रूप में पुनर्गठित किया जायेगा। मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर,विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी हो सकेगी। मेडिकल कॉलेजों की बेस्ट प्रेक्टिसेस का स्वास्थ्य केन्द्रों में उपयोग किया जा सकेगा। मेडिकल कॉलेजों से जिला चिकित्सालयों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य नीति और विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं नियंत्रण में सुविधा मिलेगी। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में दोनों विभागों के विलय की अनुशंसा की गई थी।