ऐतिहासिक ददरी मेला में संत समागम का हुआ आयोजन।

ब्यूरो चीफ एस.के.सिंह की रिपोर्ट

बलिया, यूपी। बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेला को एक नई पहचान दिलाने के लिए चेयरमैन ने किया बड़ा प्रयास। इन दिनों देशभर की सुर्खियों में चल रहे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेला में उनका दिव्य दरबार लगाने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष सन्त कुमार गुप्ता ने बड़ा प्रयास किया।

ददरी मेले के भारतेंदु कला मंच पर चेयरमैन द्वारा संत समागम का आयोजन किया गया। इस दौरान बलिया नगर पालिका के अध्यक्ष संत कुमार गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बुलाने के लिए मेरे द्वारा तमाम प्रयास किए गए थे। हालांकि समय न होने के कारण उनका प्रोग्राम नहीं लग पाया। लेकिन अगले साल 2024 के ददरी मेला में उनको बुलाने के पूरा प्रयास किया जाएगा कि बलिया का ऐतिहासिक नगरी मेला में बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार लगे। इसकी तैयारी ददरी मेला के बाद से ही शुरू कर दिया जाएगा। धीरेन्द्र शास्त्री को बलिया बुलाने के लिए।

आपको बता दे कि इस ददरी मेले का इतिहास पांच हजार साल पहले ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भृगु जी ने तपस्या की थी। इस दौरान यज्ञ में 84 हजार संतों का समागम हुआ था। महर्षि भृगु ने इस समागम में ज्योतिष शास्त्र की पुस्तक भृगु संहिता का विमोचन किया था। कालांतर में यह संत समागम लोक समागम का रूप ले लिया है। जिसको महर्षि भृगु के शिष्य दर-दर मुनि के नाम पर ददरी मेले के नाम से जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के पावन स्नान का कुम्भ के बराबर महत्व है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन से यह ऐतिहासिक ददरी मेला लगता है और इस मेले में अन्य राज्यों से व्यापारी आते हैं। बड़े- बड़े झूले-चरखी व इत्यादि चीज जो आकर्षक का केंद्र बनता है।