चांदी का वर्क महंगा होता है,इसलिए मुनाफा कमाने कई दुकानदार मिठाइयों पर करते हैं एल्युमिनियम वर्क का इस्तेमाल

AT रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
त्यौहारी सीजन समाप्त होने के साथ ही वैवाहिक समारोह चालू हो जाते हैं। इसके साथ ही मिठाई की खपत भी लगातार होती है । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाजार में मिठाइयों में मिलावट की खबरें भी आ रही है। कुछ लोग ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । ये बड़ी ही गंभीर बात है कि आजकल मिठाईयों पर सजावट के लिए जो चमचमाता वर्क लगा रहता है वह एल्यूमीनियम का भी हो सकता है। जो कि सेहत के लिए बहुत ही घातक होता है । हां, कुछ मिठाइयों पर चांदी के बजाय एल्युमिनियम का वर्क लगाया जाता है । ये बहुत ही कम लोग जानते हैं । यह सोचने वाली बात है कि कोई एक लाख रुपए प्रति किलो वाली चांदी का वर्क मिठाई पर लगा कर देगा। एल्युमिनियम का वर्क लगी मिठाई खाने से सेहत को कई तरह के गंभीर नुकसान हो सकते हैं। एल्युमिनियम का वर्क खाने से शरीर में हानिकारक केमिकल पहुंच सकते हैं।इससे लिवर और किडनी को नुकसान हो सकता है। एल्युमिनियम से एग्ज़िमा, अल्ज़ाइमर, अल्सर, और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। बच्चों के मानसिक विकास पर भी असर पड़ सकता है। एल्युमिनियम और चांदी के वर्क में अंतर आसानी से किया जा सकता है।ध्यान से देखें एल्युमिनियम वर्क सफ़ेद-ग्रे रंग का होता है और हाइड्रोक्लोरिक एसिड में आसानी से घुल जाता है वहीं, चांदी का वर्क नहीं घुलता।एल्युमिनियम वर्क लंबे समय तक चमकदार रहता है। वहीं, चांदी हवा के संपर्क में आने पर ऑक्सीकृत हो जाती है और हल्की लाल हो जाती है।  चांदी का असली वर्क दिमाग की नसों को आराम देता है और ये सेहत के लिए फायदेमंद होता है। डॉक्टर की राय है कि मिठाइयों पर एल्युमिनियम के वर्क का इस्तेमाल करने से एक्यूट गैस्ट्राइटिस, गंभीर डायरिया, पेचिश, डिहाइड्रेशन और किडनी में सूजन तक हो सकता है। चांदी का वर्क महंगा होने की वजह से कई दुकानदार एल्युमिनियम का वर्क इस्तेमाल करते हैं। आप बिना वर्क के मिठाई ही खरीदें। इसलिए देख परख कर समझदारी से मिठाई खरीदें। बाज़ार मौजूद इस प्रकार के खाद्य सामग्री से हमें सावधान रहने की जरूरत है ।