ATरिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
बृहस्पति का विशाल आकार और अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।यह ग्रह अंतरिक्ष से आने वाले क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं को अपनी ओर आकर्षित करके पृथ्वी से टकराने से रोकता है बृहस्पति के बिना, पृथ्वी पर क्षुद्रग्रहों के टकराव की संभावना कई गुना बढ़ जाती, जिससे पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो पाता। आधुनिक विज्ञान ने इस तथ्य को प्रमाणित किया है कि बृहस्पति पृथ्वी की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली के रूप में कार्य करता है। महाकुंभ मेला, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में मनाया जाता है। यह 12 वर्ष का चक्र बृहस्पति (जुपिटर) के सूर्य के चारों ओर कक्षा पूर्ण करने के समय से जुड़ा हुआ है। प्राचीन भारतीय ऋषियों ने बृहस्पति के प्रभाव और उसके आध्यात्मिक महत्व को समझा और इसे धार्मिक अनुष्ठानों जैसे महाकुंभ का आधार बनाया।बृहस्पति को “गुरु” कहा गया है, जिसका अर्थ है मार्गदर्शक और ज्ञान का स्रोत।बृहस्पति को सूर्य का चक्कर लगाने में लगभग 12 पृथ्वी वर्ष लगते हैं। यह 12-वर्षीय चक्र हिंदू कैलेंडर और ज्योतिषीय परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। महाकुंभ का आयोजन बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा की विशेष ज्योतिषीय स्थिति के आधार पर किया जाता है, जो इस समय को अत्यंत शुभ बनाता है।महाकुंभ मेला ब्रह्मांडीय शक्तियों और ग्रहों की ऊर्जा के साथ हमारे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है। प्राचीन काल से ही महाकुंभ के माध्यम से बृहस्पति के प्रति आभार प्रकट किया जाता रहा है, जिसने पृथ्वी की सुरक्षा सुनिश्चित की है। आज विज्ञान ने इस परंपरा के पीछे के खगोलीय कारणों को प्रमाणित किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन भारतीय ज्ञान कितना गहन और वैज्ञानिक था। महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों के संगम — गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान करते हैं। यह स्नान आध्यात्मिक शुद्धि और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ आत्मिक संबंध का प्रतीक है। इस आयोजन का उद्देश्य प्रकृति के तत्वों और ग्रहों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है, जो हमारे जीवन को संजोए हुए हैं। वैदिक परंपरा में बृहस्पति को “देवगुरु” (देवताओं के शिक्षक) कहा गया है। बृहस्पति ज्ञान, मार्गदर्शन और सुरक्षा का प्रतीक है। इसका विशाल आकार और स्थिरता इसे सौरमंडल का “रक्षक ग्रह” बनाती है, जो हमारे जीवन को वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से सुरक्षित रखता है।सारांश यह है कि महाकुंभ मेला और बृहस्पति के 12-वर्षीय चक्र का संबंध प्राचीन भारतीय ज्ञान का एक अद्भुत उदाहरण है। बृहस्पति ग्रह न केवल पृथ्वी की रक्षा करता है, बल्कि इसे एक मार्गदर्शक और रक्षक के रूप में पूजा जाता है। यह परंपरा विज्ञान और आध्यात्मिकता के अद्भुत संगम को दर्शाती है, जो भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत और गहन खगोलीय समझ को प्रमाणित करता है।
महाकुंभ में बृहस्पति ग्रह का आध्यात्मिकऔर वैज्ञानिक महत्व, पृथ्वी की रक्षा में बृहस्पति ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका
सीएम हेल्पलाइन पर लंबित शिकायतों का निराकरण करने के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने दिये निर्देश
January 14, 2025
No Comments
कलेक्टर ने निक्षय मित्र बनकर पाँच टीबी मरीज गोद लिए, कोई भी नागरिक निक्षय मित्र बनकर पोषण सहायता से जुड़ सकता है
January 14, 2025
No Comments
पुलिस मुठभेड़ में 25 हजार का इनामी घायल, चेकिंग के दौरान रोकने पर पुलिस पर की थी फायरिंग
January 12, 2025
No Comments
जानिए पैकिंग वाले पानी की बोतल पर लिखी एक्सपायरी डेट का सच,बोतलबंद पानी को कितने समय तक रखें सुरक्षित ?
January 12, 2025
No Comments
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पशुपालन,उच्च शिक्षा, वन और जनजातीय कार्य विभागों की राजभवन में समीक्षा बैठक की
January 10, 2025
No Comments