त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
सज्जादा नशीन व प्रशासन के लोगों को “प्रयाग गौरव शगुन सम्मान” से किया गया सम्मानित
प्रयागराज,यूपी। शहर कोतवाली परिसर में स्थित सूफी संत हज़रत ख्वाजा जियाउद्दीन चिश्ती उर्फ बहाल हुसैन शाह का सालाना उर्स शनिवार को परंपरागत तरीके से संपन्न हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
उर्स का आगाज़ सुबह फ़ज़र की नमाज़ के बाद कुरानख्वानी से शुरू हुआ। सुबह 10 बजे ग़ुस्ल की रस्म अदा की गई। संदल, गागर, चादर, के बाद क़व्वाली के 3 कलाम मशहूर कव्वाल अरशद हुसैन उर्फ पप्पू काकोरी ने पेश किया। इसके बाद गुस्ल की फातिहा हुई और दुआएं ख़ैर मांगी गई। सारा दिन दरगाह पर जायरीनों का तांता लगा रहा दूर-दराज आये ज़ायरीनों ने दरगाह पर फूल माला चढ़ाकर मन्नते मांगते रहे।
मगरिब 6:30pm के नमाज के बाद फातिहा व लंगर का इंतज़ाम दरगाह कमेटी के जानिब से किया गया रात 9 बजे से महफिले शमा का आयोजन हुआ। जिसमें कव्वाल पप्पू करोरी ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किया कलाम सुनकर उर्स में आये मेहमानों ने जमकर नज़राने पेश किया महफ़िल देर रात तक चलती रही।
इस मौके पर कई दरगाहों व ख़ानक़ाह के सज्जादा नशीन मौजूद रहे। उर्स की पूरी रस्म ख़ानक़ाह सफ़वी के सज्जादानशीन अल्हाज़ हक़ीम रिज़वान हामिद सफ़वी की सरपरस्ती में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर “शगुन प्रयाग गौरव सम्मान” से कई सज्जादनशीनों, प्रशासन, समाजसेवी, व व्यपारियो, को शाल पहना कर सम्मानित किया गया।जिसमें मुख्य रूप से
अलहाज हकीम रिजवान हामिद, रियाज अहमद कलंदरी, चांद मियां नियाजी, नैय्यर मियां साबरी, मोहम्मद कमर वारसी, शफीक वारसी, आदि लोगों को सम्मानित किया गया।
दरगाह के खादिम मोहम्मद महबूब दावर ने बताया कि शाबान की 27 तारीख को दरगाह हजरत जियाउद्दीन चिश्ती का उर्स हर साल मनाया जाता है इस वर्ष भी उर्स परंपरागत तरीके से मनाया गया जिसमें हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की गई। उर्स के मौके पर आए हुए मेहमानों ने अपने मुरादे मांगी तो वही देश में आपसी भाईचारा व देश में अमन चैन के लिए दुआएं मांगी गई। और उर्स सकुशल अपने समय के अनुसार संपन्न हुआ।
इस अवसर पर संदीप कुमार केसरवानी अनिल कसेरा, राहिद अंसारी,मोहम्मद अनवर,मोहम्मद राशिद, मोहम्मद आमिर, युसूफ कमाल, मोहम्मद याकूब, शाहनवाज, अबरार अहमद, मोहम्मद शहजाद उर्फ मुन्नू, सफदर कमाल, मोहम्मद अरशद रियासत, नसीम अहमद उर्फ चांद, मोहम्मद अकरम आदि लोग मौजूद रहे।