त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज,यूपी। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा ‘राम राज्य की उद्घोषणा – प्रण से प्राण प्रतिष्ठा का महापर्व’ नामक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव एवं विहिप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंपत राय रहे।
अन्य विशिष्ट अतिथियों में हनुमंत पीठ के महंत आचार्य श्री मिथिलेश नंदिनी शरण, एवं उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता रहे।
कार्यक्रम के निवेदक विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष, से. नि. पुलिस महानिदेशक कवीन्द्र प्रताप सिंह, एवं संयोजक ज्ञान गुण सागर वाहिनी के अध्यक्ष कुश श्रीवास्तव रहे।
कार्यक्रम संयोजक कुश श्रीवास्तव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जब जब कोई समाज एवं जनमानस के उत्थान के लिए लिया गया प्रण पूर्ण होता है, तब तब राम राज्य की उद्घोषणा एवं संस्थापना होती है। जब-जब भगवान राम ने कोई भी प्रण या संकल्प लिया, उसका परिणाम सर्व समाज के लिए अति हितकारी रहा। उसी प्रकार भगवान श्री राम की अयोध्या जी में पुनः प्राण-प्रतिष्ठा, हिन्दू समाज, विश्व हिन्दू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी एवं अन्यान्य अनुसांगणिक संघटनों के द्वारा, कई दशकों की असंख्य आहुतियों का अवसान है।
विहिप काशी प्रांत अध्यक्ष कवीन्द्र प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन कर समस्त आगंतुकों का आभार व्यक्त किया एवं अतिथियों द्वारा विचारों का सार प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ताओं ने भगवान राम की पुनः प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत हमारे धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, व्यापारिक, राजनैतिक एवं राजतंत्र से जुड़ी व्यवस्थाओं राम राज्य से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना एवं समाज के संचालन करने के विषय पर अपने विचार रखे।
इस आयोजन में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वी. पी. श्रीवास्तव, भाजपा से कुंज बिहारी मिश्र, नवीन शुक्ला, प्रतीक त्यागी, एवं नगर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मंच संचालन आभा मधुर ने कुशलता से किया।