रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल। मध्यप्रदेश
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित है। इसके अलावा बाघ प्राणी खाद्य श्रृंखला तथा पर्यावरण संतुलन का महत्वपूर्ण अंग है । इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा बाघ की खाल नाखुन तथा दाँत के लिए गैरकानूनी ढंग से बाघों का शिकार किया जाता है। बाघ के शिकार करने वालों के लिए जुर्माने एवं सज़ा का प्रावधान है।
विश्व बाघ दिवस प्रतिवर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है इसे मनाने का उद्देश्य इस शानदार बड़ी बिल्ली के बारे में जागरूकता बढ़ाना है । इस दिन की शुरुआत 2010 में हुई थी, जब 13 बाघ रेंज वाले देश Tx2 बनाने के लिए एक साथ आए थे जिनका वैश्विक लक्ष्य जंगली बाघों की संख्या को दोगुना करना था। दुनिया भर के WWF कार्यालय, संगठन, मशहूर हस्तियां, सरकारी अधिकारी, परिवार, मित्र और व्यक्ति अभियान के समर्थन में एक साथ आए जिससे बाघों की श्रेणी वाले देशों को पता चला कि बाघ संरक्षण प्रयासों और Tx2 लक्ष्य के लिए दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि बाघों के संरक्षण को बढ़ावा दें, उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा करें तथा पर्यावरण संतुलन की दिशा में सदैव कार्य करते रहें। सभी जानते हैं कि मध्यप्रदेश ‘टाइगर स्टेट’ अर्थात भारत के अधिकांश बाघों का घर है। मध्यप्रदेश ने अपनी इस उपलब्धि से इको टूरिज्म की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं।
29 जुलाई बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने मनाया जाता है “विश्व बाघ दिवस”
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