भाजपा सरकार के मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी का विद्रोह ? रईस की ज्वाइनिंग पर जताया विरोध।

टी.एन.शर्मा की रिपोर्ट

प्रयागराज,up: योगी सरकार के मंत्री और प्रयागराज शहर दक्षिणी के विधायक नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। महापौर प्रत्याशी गणेश चंद्र केसरवानी के समर्थन में रईस चंद्र शुक्ला की शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में हुई जॉइनिंग के खिलाफ, मंत्री के कार्यालय से सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर उनका बयान पोस्ट कर खुला विरोध जताया है।

महापौर प्रत्याशी के समर्थन में प्रयागराज में कई नेताओं के साथ रईस चंद्र शुक्ला ने भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उसके बाद तत्काल अपना भड़काऊ रूप दिखाया है।

दरअसल कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के कार्यालय में पदस्थ मीडिया प्रभारी बाला जी ने व्हाट्सएप पर मंत्री का बयान पोस्ट किया है। इसमें लिखा है कि स्थानीय विधायक के रूप में मुझे विश्वास में लेना तो दूर बिना कोई औपचारिक सूचना दिये मेरे विरुध्द समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़कर बुरी तरह से चुनाव हारे रईस चन्द्र शुक्ला को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कराने का प्रस्तावित कार्यक्रम घोर अपमाजनक एवं आपत्तिजनक है।

स्थानीय विधायक की अवहेलना व उपेक्षा करते हुए विपक्षी उम्मीदवार को पार्टी ज्वाइन कराना बेहद गंभीर प्रकरण और गहरी साजिश है। अवैध है।

बयान में लिखा, “यह भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति एवं पार्टी की लोकतान्त्रिक मूल्यों में गहरी आस्था के सिद्धान्त से सर्वथा प्रतिकूल है, जो लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं और अपनी हठधर्मिता से पार्टी को लगातार क्षति पहुँचा रहे हैं उनके इस मनमाने रवैये की घोर निन्दा करता हूँ। यह रवैया पार्टी की मूल वैचारिकी और कार्यपद्धति के पूर्णतः विपरीत है।”

मंत्री नंदी के कार्यालय की एक अन्य सहयोगी ने भी उनके इस बयान की पुष्टि की है। कहा यह मंत्री की बेइज्जती जैसा है।

यहां गौरतलब है कि नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता भी महापौर प्रत्याशी की दौड़ में शामिल थीं। वह दो बार महापौर रह चुकी हैं। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर भारतीय जनता पार्टी महानगर के अध्यक्ष गणेश चंद्र केसरवानी, जो नंदी के मोहल्ले के निकट ही रहते हैं, को महापौर प्रत्याशी बनाया है। चर्चा है कि कैबिनेट मंत्री की पत्नी का टिकट कटना पसंद नहीं आया है। रईस चंद्र शुक्ला की जॉइनिंग के बाद ठीक चुनाव के दौरान उनका विद्रोही तेवर इसी का नतीजा माना जा रहा है। नंदी 2017 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में आए थे। इसके पहले वह कांग्रेस और बसपा में रह चुके हैं।

गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता बेगम और बहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट मंत्री नंदी पर 5 करोड़ रुपए लेने का खुला आरोप लगाया था। नंदी ने इसका खंडन भी किया। हालांकि चर्चा इस बात की रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को लेकर मंत्री नंदी की चूड़ियां कशी थी फिलहाल महापौर चुनाव के दौरान नदी के इस रवैये को पार्टी किस रूप में लेगी, यह देखने वाली बात होगी। कुछ लोग इस विरोध को दबाव की राजनीति के रूप में भी ले रहे हैं।